Deep Prajwalan Script: नमस्कार दोस्तों हर प्रोग्राम में दीप प्रज्वलन (Deep Prajwalan) जरुर करना होता है इसके बिना कार्यक्रम को आगे नहीं बढाया जा सकता और माँ सरस्वती जो ज्ञान की देवी है और भगवान गणेश जो विघ्नहर्ता है उनका स्मरण किए बिना कोई कार्य कैसे सिद्ध हो सकता है, तो आज मैं दीप प्रज्वलन के लिए स्क्रिप्ट शायरी के साथ लाया हूँ जो आपके लिए कारगर साबित होगी, जो पुराने साथी है वो तो जानते है की क्या बोलना है और कैसे करना है मगर नए मित्र जो अभी इस फील्ड में आ रहे है उनके मार्ग दर्शन के लिए ये स्क्रिप्ट लिखी है जो उनको मदद करेगी.
तो दोस्तों जब आप घर से निकलते है तभी तैयार होकर निकले या कोई ऐसी जगह पर प्रोग्राम है जो बहुत दूर है तो आप अपने कपडे साथ ले ले जो वहा पर आप पहनने वाले हो, वहां जाकर आप कपडे बदल सकते है और फिर आप स्टेज पर जाए.
दीप प्रज्वलन एंकरिंग स्क्रिप्ट
प्रस्तावना (Opening Statement)
Anchor मंच पर प्रवेश करता है, माइक संभालते हुए और चारों ओर दर्शकों की ओर मुस्कुराते हुए। दोस्तों अपने चेहरे पे ख़ुशी को बना कर रखे, क्योकि
हँसता चेहरा सबको भाता है, वर्ना रोतो के पास कौन आता है
जहाँ गाए जाते है ख़ुशी के गीत, वो मौसम मन को लुभाता है
तो आप भी हँसते मुस्कुराते हुए स्टेज पर जाए, confidence होना चाहिए आपके स्टाइल में, जैसे बस सब लोग आपका ही इन्तजार कर रहे थे और अब आप आ गए हो तो बस अब उनका इंतजार ख़त्म हो गया. अब जब आप स्टेज पे पहुँच ही गए हो तो बोलना भी शुरू कर दो क्योकि स्टेज पर जाकर अगर आप चुपचाप खड़े रहेंगे तो लोग हंसने लगेंगे आपकी खिल्ली उड़ायेंगे, इसलिए देर नहीं करनी है और जाते ही बोलना शुरू कर देना है.
Anchor
नमस्कार, आदरणीय अतिथिगण, माता-पिता और मेरे प्यारे दोस्तों! आज का यह पावन अवसर हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जो सोचा था उससे कई गुना भव्य ये प्रोग्राम होने वाला है तो दिल थाम के बैठिये
अभी तो शुरुआत है, अभी मौसम में खुमार आना बाकी है
अभी ताली नहीं बजी, अभी तालियों की बाढ़ आना बाकी है
तो सबसे पहले तो तालियों की गूँज होनी चाहिए जो इस दमकते प्रांगण में हमारे कलाकारों के हौसलों को और बढ़ा दें, उन्हें भी तो पता चले की वो जिनके सामने परफॉर्म करने जा रहे है उनमे कितना जोश है.
लेकिन सबसे पहले तो आपको जानना जरुरी है
आप से पहचान अधूरी हो तो, बात नहीं बनेगी
तारो बिना चंदा की जैसे, बारात नहीं बनेगी
आपसे हमारा रिश्ता बस दिल से दिल का है
बात दिल को न छू ले तो करामत न बनेगी
हमारे इस कार्यक्रम की शुरुआत हम माँ शारदे के पूजन और दीप प्रज्वलन से करने जा रहे हैं, क्योंकि ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की कृपा के बिना कोई भी शुभ कार्य संभव नहीं है।”
(कुछ क्षण का रुक कर, दर्शकों से जुड़ने की कोशिश करें।)
“आप सभी का हृदय से स्वागत करते हुए, मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप हमारे साथ इस शुभ अवसर का आनंद लें और माँ सरस्वती की कृपा प्राप्त करें। तो आइए, कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं दीप प्रज्वलन (Deep Prajwalan) से।”
मुख्य अतिथि का स्वागत (Welcoming the Chief Guest)
Anchor
“इस पावन कार्यक्रम में हमारी अगवानी करने के लिए हमारे बीच में एक विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित हैं, जिनका सम्मान करना हमारा सौभाग्य है। अब मैं आदरणीय [मुख्य अतिथि का नाम] जी से निवेदन करूंगा कि वे मंच पर आएं और दीप प्रज्वलन (Deep Prajwalan) कर इस कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत करें।”
आओ आज इस रात को रोशन करते है
आपके हाथो आज दीप प्रज्वलन करते है
(और फिर दोस्तों जब मुख्य अतिथि स्टेज पर आ जाए तो उसे कोई हार पहना कर या फूलो का गुलदस्ता देकर स्वागत करे, या जो भी मेम्बर उनका स्वागत करने वाले हो उनको सम्बोधित करें की वो आए और हमारे अतिथि का सवागत करें, और मुख्य अतिथि का मंच पर स्वागत करने के बाद।)
“आदरणीय [मुख्य अतिथि का नाम] जी, हमारे कार्यक्रम में आपका हृदय से स्वागत है। आपका यहां आना हमारे लिए गर्व का विषय है। आपने अपने जीवन में जो उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं, वे हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। आज आपकी उपस्थिति इस कार्यक्रम को और भी विशेष बना रही है।”
दीप प्रज्वलन का महत्व बताना (Explaining the Importance of Lamp Lighting)
Anchor
मित्रों, दीप प्रज्वलन (Deep Prajwalan) भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। दीपक प्रकाश का प्रतीक है, और जब हम दीप प्रज्वलित करते हैं, तो हम यह प्रार्थना करते हैं कि अज्ञान के अंधकार को हटाकर हमें ज्ञान का प्रकाश मिले। माँ सरस्वती ज्ञान की देवी हैं, और उनकी कृपा से हमें सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
इसीलिए, हर शुभ कार्य से पहले दीप जलाकर माँ सरस्वती का आह्वान किया जाता है। और आज भी इसी परम्परा के तहत आदरणीय (जो भी अतिथि हो वो और बाकी सदस्यों का नाम लेकर कहे की) इसी परम्परा के तहत आदरणीय माँ शारदे के सामने दीप प्रज्वलन करके इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे.
दीप प्रज्वलन का आरंभ (Beginning the Lamp Lighting)
(अब मुख्य अतिथि और विशिष्ट व्यक्तियों को दीप प्रज्वलन के लिए आमंत्रित करें।)
Anchor
“अब मैं आदरणीय [मुख्य अतिथि का नाम], [विशिष्ट व्यक्ति 1 का नाम], [विशिष्ट व्यक्ति 2 का नाम] और अन्य माननीय अतिथियों से अनुरोध करता हूँ कि वे मंच पर आएं और दीप प्रज्वलन (Deep Prajwalan) कर इस कार्यक्रम की शुभ शुरुआत करें।”
(मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों के दीप जलाने के दौरान माहौल को भक्तिमय बनाए रखने के लिए कुछ वाक्य कहें।)
Anchor
“जैसे ही यह दीप प्रज्वलित हो रहा है, वैसे ही हमारे मन और मस्तिष्क में ज्ञान का प्रकाश फैलता रहे। यह दीप हमें सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी चुनौतियाँ क्यों न हों, हमें हमेशा अंधकार को मिटाकर प्रकाश की ओर बढ़ना चाहिए।”
माँ शारदे की आराधना (Maa Sharde’s Worship)
(अब माँ शारदे की आराधना के लिए आमंत्रित करें।)
Anchor
“अब, जब दीप प्रज्वलन संपन्न हो चुका है, तो आइए, माँ शारदे की आराधना करते हैं और उनसे यह प्रार्थना करते हैं कि वे हमें सदैव सही मार्ग पर चलने का आशीर्वाद दें।”
तम को मिटाने वाली ज्ञान का प्रकाश दे
बुद्धि का माँ जीवन में तू उजास दे
Anchor
“माँ शारदे की कृपा से ही हम इस जीवन में सच्ची सफलता और शांति प्राप्त कर सकते हैं। उनकी वंदना के बिना कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हो सकता। इसीलिए, हम सब मिलकर माँ शारदे की आराधना करते हैं।”
अब यहाँ पर आप कोई भी सरस्वती वंदना बोल सकते है और कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकते है.
Anchor
“इस अवसर पर कुछ पंक्तियाँ माँ शारदे को समर्पित हैं।
वर हमें दे मात ऐसा, अज्ञानता का नाश हो
करूँ सिमरन मात तेरा, जब तलक सांस हो
न ही सुध है न ही ज्ञान, हम तो मूढ़ अज्ञानी है
वीणा वादिनी है अरज, आप हमारे पास हो
आगे के कार्यक्रम की जानकारी (Information About the Next Program)
Anchor
“मित्रों, दीप प्रज्वलन (Deep Prajwalan) और माँ शारदे की आराधना के बाद, अब हम अपने मुख्य कार्यक्रम की ओर बढ़ेंगे। यह कार्यक्रम आप सभी के मन को प्रफुल्लित करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। तो बने रहिए हमारे साथ और इस कार्यक्रम का आनंद लीजिए।”
अतिथि का धन्यवाद (Thanking the Guest)
Anchor
“मैं आदरणीय [मुख्य अतिथि का नाम] जी का इस कार्यक्रम में भाग लेने और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए हृदय से धन्यवाद करता हूँ। आपका मार्गदर्शन और प्रेरणा हमें आगे बढ़ने की दिशा में प्रेरित करेगी। हम आपके इस योगदान के लिए सदैव आभारी रहेंगे।”
समापन (Closing)
Anchor
“अब हमारे इस शुभारंभ के बाद, कार्यक्रम की अगली कड़ी के लिए तैयार हो जाइए। आप सभी का पुनः धन्यवाद जो आपने इस महत्वपूर्ण अवसर पर हमें अपने समय और उपस्थिति से सम्मानित किया। माँ शारदे की कृपा सदैव हम पर बनी रहे और यह कार्यक्रम सफलता की ओर अग्रसर हो।”
तो दोस्तों आप समझ गए होंगे की शुरुआत किस तरह से करनी है, और आगे प्रोग्राम को कैसे विस्तार से संभालना है कार्यक्रम को आगे कैसे ले जाना है ये सब जानने के लिए आप हमारे आने वाले नए विडियो देखते रहिये, और इस स्क्रिप्ट को लिखित रूप में पाना चाहते है तो डिस्क्रिप्शन में लिंक दिया गया है वहां से आप पढ़ सकते है, धन्यवाद.
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